सूरह अल-आराफ़ के संक्षिप्त विषय
यह सूरह मक्की है, इस में 206 आयतें हैं
यह सूरह मक्की है, इस में 206 आयतें हैं
- इस में “आराफ़” की चर्चा है इस लिये इस का नाम सूरह आराफ़ है।
- इस में अल्लाह के भेजे हुये नबी का अनुसरण करने पर बल दिया गया है, जिस में डराने तथा सावधान करने की भाषा अपनाई गई है।
- इस में आदम (अलैहिस्सलाम) को शैतान के धोखा देने का वर्णन किया गया है ताकि मनुष्य उस से सावधान रहे। इस में यह बताया गया है कि अगले नबियों की जातियाँ नबियों के विरोध का दुष्परिणाम देख चुकी है, फिर अहले किताब को संबोधित किया गया है और एक जगह पूरे संसार वासियों को संबोधित किया गया है।
- इस में बताया गया है कि सभी नबियों ने एक अल्लाह की वंदना की, और उसी की ओर बुलाया और सब का मूल धर्म एक है।
- इस में यह भी बताया गया है कि ईमान लाने के पश्चात् निफ़ाक़ (द्विधा) का क्या दुष्परिणाम होता है और वचन तोड़ने का अन्त क्या होता है।
- सूरह के अन्त में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आप के साथियों को उपदेश देने के कुछ गुण बताये गये हैं और विरोधियों की बातों को सहन करने तथा उत्तोजित हो कर ऐसा कार्य करने से रोका गया है जो इस्लाम के लिये हानिकारक हो।
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