एक फर्ज के बारे में :
अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म देना
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
" आप अपने घर वालों को नमाज का हुक्म करते रहिये और खुद भी नमाज के पाबंद रहिये , हम आप से रोजी तलब नहीं करते , रोजी तो आप को हम देंगे और अच्छा अंजाम तो परहेजगारों का है । "
[ सूरह तहा १३२ ]
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